इसका उपयोग पहले कृषक सोडियम साल्ट से प्रभावित कल्लर भूमि के सुधार के लिए करते थे ।
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उत्तर: रेही तथा कल्लर भूमि में नमक तथा सोडियम की अधिकता की वजह से केवल सहनशील फसलें ही उग सकती है।
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इंद्र पाल अबरोल ने बताया कि 29 नवंबर तक चलने वाली कार्यशाला में कल्लर भूमि के सुधार की नई तकनीकों पर चर्चा की जाएगी।
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साथ ही जिस कल्लर भूमि को अभी सुधार कर सामान्य बनाया है उसमें पोटाश व 10 किलोग्राम उत्तम ज़िंक सल्फ़ेट बीज से 3-6 से ० मी ० नीचे / एकड़ पोरे।
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उत्तर: कल्लर भूमि तीन प्रकार की होती है-1. लवणीय (रेही): इनमें नमक मात्रा के कारण भूमि के संतृप्त निष्कर्ष की विद्युत चालकता 4.0 डेसी साइमन प्रति मी ० से अधिक होती है जबकि विनिमयशील सोडियम 15 प्रतिशत से कम होता है।